बरेली पुलिस ने अपने दरोगा और सिपाही की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दी। लेकिन दोनों ही पुलिसकर्मी हत्थे नहीं चढ़े। इस मामले में किला थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच भी आरोपी पुलिसकर्मियों की तलाश में लगी है। 4 दिन पहले ही किला थाने में एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान के आदेश पर दरोगा सौरभ कुमार और सिपाही कोलेंद्र के खिलाफ केस दर्ज हैं वहीं गैंग में शामिल सोनिया का भी सुराग नहीं लगा है।
एसएसपी के आदेश पर दर्ज हुई थी FIR
रामपुर के व्यापारी ने इंस्पेक्टर किला हरेंद्र सिंह को बताया कि बरेली में परसाखेड़ा में सचित रस नाम से एक बेकरी है। शनिवार को भोजीपुरा के धौराटांडा निवासी नावेद, किला के लीची बाग निवासी चांद अलवी और आजाद मेरे पास आए। तीनों 11 बजे एक लड़की से मिलवाने के नाम पर 2 हजार रुपए ले गए।
रात में 11:30 बजे कॉल पर मिनी बाईपास स्थित अशोका होटल में बुलाया गया। जहां पर वह कमरा नंबर 101 में सानिया नाम की लड़की से बात की। जिसके बाद पता चला कि सानिया किसी से बात कर रही थी कि रुम के बाहर आ जाना।
सानिया ही सिपाही और दरोगा का होटल के रूम से मैसेज कर पूरा अपडेट दे रही थी। जिसक बाद एसएसपी ने पूरा मामला एसएसपी को बताया। एसएसपी के आदेश पर सिपाही, दरोगा, सोनिया और तीन अन्य के खिलाफ किला थाने में केस दर्ज हुआ।
शाहजहांपुर व मुरादाबाद में मिली लोकेशन
इंस्पेक्टर किला हरेंद्र सिंह का कहना है कि सिपाही की आखिरी लोकेशन मुरादाबाद में मिली थी, वहीं दरोगा सौरभ की आखिरी लोकेशन शाहजहांपुर जिले में मिली। दोनों का मोबाइल भी स्विच ऑफ है। जिनकी तलाश में पुलिस की 2 टीम लगी हुई हैं।
पुलिस की जांच में सामने आया कि सानिया ने होटल के कमरे से ही सिपाही को मैसेस किए थे, कि आगे कैसे कैसे करना है। जैसे ही सानिया रूम से निकली तभी पांच मिनट में सिपाही कोलेंद्र सिंह पहुंच गया, सिपाही को देखते ही कहा कि सर यह होटल में लेकर आया था। सिपाही कोलेंद्र ने बेकरी संचालक समेत तीनों को किला चौकी लेकर आया। जहां सानिया भी पहले से मौजूद थी। गैंग में शामिल युवती के साथ पुलिस की पार्टी चलती थी।