बदायूं के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में दो मासूम भाइयों की हत्या के आरोपी को एनकाउंटर में एसएचओ सिविल लाइंस गौरव विश्नोई समेत मंडी समिति चौकी प्रभारी और नवादा चौकी प्रभारी ने अपनी सरकारी पिस्टल से फायर कर ढेर किया था। उसके सीने में तीन गोलियां लगीं, जो पार हो चुकी थीं। पिस्टल से चले कारतूसों में एक खोखा पुलिस को घटनास्थल पर मिल गया, जबकि बाकी के खोखों की तलाश को जारी रखने की बात पुलिस द्वारा कही गई।
दरअसल, दोहरे हत्याकांड के आरोपी साजिद के खिलाफ एक मुकदमा सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुआ है। मुकदमे में साजिद को प्रतिवादी बनाने के साथ ही मृतक दिखाया गया है। मुकदमे के वादी सिविल लाइंस थाने की नवादा पुलिस चौकी प्रभारी सुमित कुमार हैं। इसमें सुमित ने बताया है कि दोहरे हत्याकांड के आरोपियों साजिद व जावेद की तलाश में वह निकले थे। साथ में एसएचओ सिविल लाइंस गौरव विश्नोई समेत सिपाही आकाश कुमार, अंकित कुमार, सुरेंद्र सिंह भी सरकारी जीप से थे।
इस दौरान दरोगा चंद्रपाल सिंह शेखूपुर के जंगल में इकलहरी गांव की ओर से आरोपी साजिद का पीछा करते हुए आ रहे थे। मुखबिर की सूचना पर आरोपी की घेराबंदी की तो उसने तमंचे से छह-सात फायर पुलिस पार्टी पर किए। दावा है कि बदले में न्यूनतम बल प्रयोग करते हुए एसएचओ सिविल लाइंस समेत दोनों दरोगाओं ने सरकारी पिस्टल से एक-एक फायर किया।
अंधेरा जरूर था लेकिन तीनों के निशाने सटीक लगे और साजिद का सीना छलनी हो गया। तीनों बुलेट्स सीने को भेदती हुई पार निकल गईं। आरोपी की जेबें तलाशने पर पुलिस ने चार जिंदा कारतूस समेत मौके से चार खोखे 315 बोर के बरामद किए। एक खोखा सरकारी पिस्टल का भी मिला है।
मोबाइल का जिक्र नहीं
पुलिस की फर्द बरामदगी में साजिद के पास से मोबाइल बरामदगी का जिक्र नहीं है। जबकि साजिद की मां ने अपने बयान में कहा है कि उसे किसी की कॉल आई थी। इसके बाद वो बदायूं रवाना हो गया।
कॉल डिटेल रिकार्ड का अध्ययन जारी
एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने अपनी प्रेसवार्ता में कहा है कि कॉल डिटेल्स का अध्ययन जारी है। ऐसे में यह भी पता लग जाना चाहिए कि आखिरकार साजिद को किसने बदायूं बुलाया था। हालांकि फिलहाल पुलिस कुछ भी बताने की स्थिति में नही है।
कराहते हुए लाए थे अस्पताल
पुलिस ने मुकदमे में यह भी दावा किया है कि एनकाउंटर के बाद साजिद समेत एसएचओ सिविल लाइंस भी कराह रहे थे। क्योंकि एसएचओ के पैर में गोली लगी थी। जबकि साजिद के सीने में तीन गोलियां लगी थीं। दोनों को अस्पताल लाया गया लेकिन साजिद की मौत हो चुकी थी।
सस्पेंड हो चुके हैं एसओ मुजरिया
मुकदमे में नामजद के आगे मृतक लिखने के मामले में जून 2023 में तत्कालीन एसओ मुजरिया राजेश कौशिक (अब उघैती के थानेदार) सस्पेंड हो चुके हैं। दरअसल, मुजरिया थाने के मालखाने से 167 कारतूस गायब थे और पुलिस ने हेड मोहर्रिर रामबाबू के खिलाफ गबन का केस दर्ज किया था।
रामबाबू की मौत हो चुकी है और मुकदमे में मृतक रामबाबू लिखा गया था। इसी बात पर राजेश कौशिक को सस्पेंड किया गया था। जबकि इस बार सिविल लाइंस थाने में दर्ज मुकदमे में पुनः मृतक को नामजद किया गया है।