यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र की मंगलवार से शुरुआत हुई। इस दौरान सदन पहुंचे नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों से बच रही है। वह नहीं चाहती की जनता के मुद्दे उठाए जाएं। सत्र के दिन बढ़ाए जाने चाहिए। उन्होंने एक बार फिर जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया।
वहीं, सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष के सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। पहले सदन में मारपीट होती थी। लेकिन 6 साल से सदन गरिमापूर्ण तरीके से चल रहा है। उन्होंने सदस्यों से अपील की है कि सदन अच्छी तरह से चलाने में मदद करें।
हालांकि, पहले दिन सत्र में 53 मिनट चला। भाजपा विधायक रहे आशुतोष टंडन को श्रद्धांजलि दी गई। इसके अलावा, 10 विधायकों के लिए शोक प्रस्ताव रखने के बाद सदन स्थगित कर दिया गया। वहीं, आशुतोष टंडन को श्रद्धांजलि देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कैंसर जैसी बीमारी से यूपी में बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हैं। सरकार से आग्रह है कि जो संस्थान इन बीमारियों के इलाज के लिए चल रहे हैं। उन्हें मजबूत करें।
काले कपड़े पहनकर पहुंचे सपा के 3 विधायक
इससे पहले सपा के 3 विधायक काले कपड़े पहनकर सदन पहुंचे। उन्होंने महंगाई, करप्शन को लेकर सरकार का विरोध किया। वहीं, सपा के विधायक जाहिद बेग साइकिल से विधानसभा पहुंचे। उनके कुर्तें में लिखा था-बहुत हुआ भ्रष्टाचार..होश में आओ योगी सरकार।
अखिलेश का सवाल-जाति जनगणना क्यों नहीं?
सदन स्थगित होने के बाद मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार कहती है कि रेवेन्यू सरप्लस है। तो फिर जनता को इलाज क्यों नहीं मिल रहा? दवाइयां क्यों नहीं मिल रहीं? बेड क्यों नहीं मिल रहे। हर विधायक अपने क्षेत्र की समस्या उठाना चाहता है। सरकार जवाब नहीं देना चाहती है।
उन्होंने कहा कि किसानों, बेरोजगारों की सुनवाई नहीं हो रही है। यूपी में इंवेस्टमेंट कहीं नहीं दिख रहा है। आवारा जानवरों से किसानों की मौत हो रही है। सामाजिक न्याय के लिए आरक्षण जरूरी है। जाति जनगणना की मांग कई दल करते हैं। नई नियमावली लाकर विरोध-प्रदर्शन रोक दिया। BJP नहीं चाहती कि जनता के मुद्दे उठाए जाएं।