यूपी के ज़िला बरेली में अगर लूट की तो बच नहीं पाओगे. इसलिए कि सीसीटीवी हैं न. इन्हीं सीसीटीवी फुटेज ने एक सप्ताह पहले हार्टमैन पुल पर लूट की सनसनीख़ेज़ वारदात का पर्दाफ़ाश करा दिया. पुलिस उन चार लड़कों तक पहुंच गई, जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. अपराध की दुनिया में एकदम नये कूदे थे. पहली वारदात अंजाम देने से पांचों से हिस्से में 21-21 हज़ार रुपये आए थे. पुलिस जब उन तक पहुंची तो 1.10 लाख रुपये में 34 हज़ार ही खर्च होने से बचे रह गए थे. पहले आप लूट के पीछे की वजह ख़ुद इन लड़कों की ज़ुबानी सुनिए, फिर आपको बताएंगे कि इतनी सटीक जानकारी लुटेरों तक कैसे पहुंची कि अशरफ़ ख़ान चौकी के पास स्थित किप्स ऑटो के मैनेजर दीपक जोशी एजेंसी के एक कर्मचारी के साथ कैश लेकर उसे मेन एजेंसी पर जमा कराने के लिए जा रहे थे. लूट की वारदात में पकड़े गए लड़कों में से एक अभिषेक गंगवार एजेंसी पर पूर्व में काम कर चुका है. इसी वजह से उसे पता था कि रोज़ की सेल का कैश रात में मेन एजेंसी पर जमा होने के लिए जाता है. अब लूट के पीछे की वजह जान लीजिए. बहरहाल, पुलिस को रात के अंधेरे में ग़ैर पेशेवर अपराधियों की अंजाम दी गई वारदात को खोलने में एक सप्ताह ज़रूर लगा लेकिन राज़फ़ाश एकदम सही हुआ है. एक दौर था, जब यह ख़ूब कहा जाता था कि पुलिस के हाथ बहुत लंबे हैं, अपराध करके कितनी ही दूर भाग जाएं, उनके कॉलर तक पहुंच ही जाते हैं लेकिन अब बरेली पुलिस के पास दूर तक देख लेने वाले सीसीटीवी हैं. किसी भी हिस्से में वारदात करके बच पाना आसान नहीं है. एजेंसी मैनेजर को लूटने वालों के गिरफ्त में आने से यह साफ भी हो गया. अब आपको सुनवाते हैं कि पर्दाफ़ाश को लेकर एसपी सिटी राहुल भाटी ने क्या जानकारी दी है |