प्रयागराज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद कर्मचारी नहीं रह जाता इसलिए रिटायर होने के बाद उसके खिलाफ नियमानुसार विभागीय जांच नहीं की जा सकती।इसी के साथ कोर्ट ने राज्य भंडारण निगम फतेहपुर के रिटायर कर्मचारी से 27,21,930.26 रुपये की वसूली रद्द कर दी है। कोर्ट ने कहा कि विभागीय जांच में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। याची को साक्ष्य प्रस्तुत करनेएवं सुनवाई का मौका नहीं दिया और एकपक्षीय जांच रिपोर्ट पर सेवा से हटाकर वसूली आदेश जारी किया गया। कोर्ट ने राज्य भंडारण निगम के तर्क को मानने से मना कर दिया कि नियमित जांच करने के लिए प्रकरण विभाग में वापस भेजा जाए क्योंकि विभागीय जांच कार्यवाही याची के रिटायर होने से पहले शुरू की गई थी और बाद में दंडित किया गया। कोर्ट ने कहा कि रिटायर होने के बाद याची निगम का कर्मचारी ही नहीं रहा तो उसके खिलाफ विभागीय जांच कैसे की जा सकती है।
याचिकाओं पर जवाब दाखिल नहीं कर रहे बीएसए
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दाखिल याचिकाओं पर बेसिक शिक्षा अधिकारियों के समय से जवाब दाखिल नहीं करने पर नाराजगी जताई. ‘ है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव लखनऊ को आदेश दिया है कि वह प्रदेशभर के बीएसए को एक निर्देश जारी करें कि अदालत की ओर से मांगी गई जानकारी तत्काल मुहैया कराई जाए। कोर्ट ने सचिव को इस संबंध में उठाए गए कदम की जानकारी अगली सुनवाई पर अदालत
में देने का निर्देश दिया है। मिर्जापुर की पूजा की याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने यह आदेश दिया। पूजा ने बीएसए के समक्ष अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। कोई निर्णय नहीं लिया गया तो उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर उसके आवेदन पर आदेश पारित करने का बीएसए को निर्देश देने की मांग की। हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मिर्जापुर को 8 अगस्त 2024 को नोटिस जारी किया था।