फरीदपुर,इंस्पेक्टर फरीदपुर भ्रष्टाचार में गहराई तक लिप्त था। उसके खिलाफ एसएसपी अनुराग आर्य के खिलाफ कई शिकायतें पहुंच चुकी थीं। रिश्वत की रकम वह अपने ऑफिस के कमरे में ही गद्दे के नीचे रखकर सोता था। इसके अलावा एक ब्रीफकेस में भी रिश्वत की रकम रहती थी। उसकी वसूली का पूरा खेल थाने के पांच सिपाहियों के जरिये चलता था, जो उसके कारखास थे।
लोगों ने बताया कि इंस्पेक्टर राम सेवक ने वसूली के लिए पांच सिपाहियों का रैकेट बना रखा था। थाने में आने वाली शिकायतों पर ये सिपाही काम करते थे और पूरे दिन लोगों को लाकर थाने में बैठाते थे। रात में इन सिपाहियों के जरिये डीलिंग होती थी और वसूली के बाद उन्हें छोड़ दिया जाता था। एसएसपी अनुराग आर्य को सूचना मिली कि स्मैक तस्करों को पकड़ने के बाद एक गुलाबी थैली में सात लाख रुपये की रकम इंस्पेक्टर रामसेवक को दी गई है। इसके बाद एसएसपी ने एसपी साउथ अनुराग आर्य को गोपनीय ढंग -से कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जब एसपी साउथ मानुष पारीक और सीओ
दिन भर लोगों को पकड़करलाते थे सिपाही, रात में होता था छोड़ने-वसूली का खेल
जा रही विभागीय जांचलीक हो गई थी गोपनीय कार्रवाई की भी सूचना
चर्चा है कि एसएसपी की गोपनीय कार्रवाई की सूचना भी किसी तरह लीक हो गई। यह वजह रही कि एसपी साउथ और सीओ फरीदपुर थाने पहुंचे तो इंस्पेक्टर रामसेवक दूसरे रास्ते से दीवार फांदकर फरार हो गया। सूचना- लीक करनें वाले पुलिसकर्मी की भी तलाश की जा रही है। साथ ही इस मामले में एसएसपी ने विभागीय जांच के भी निर्देश दिए हैं, जिसके बाद थाने के कुछ अन्य पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।गौरव सिंह ने छापा मारा तो इंस्पेक्टर दीवार फांदकर भाग गया। जाते-जाते कमरे में भी वह ताला लगा गया। एसपी साउथ गुरुवार को पूरे दिन थाना फरीदपुर में ही कैंप किए रहे और रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ही वहां से हटे।