कानपुर में अंबेडकर जयंती पर निकल रहे जुलूस को रोकने पर बौद्ध महासभा के लोग भड़क गए। जुलूस रोककर महासभा के लोगों ने धरना प्रदर्शन और हंगामा किया।
आरोप था कि पुलिस जबरन साउंड सिस्टम का हवाला देकर उनके कार्यक्रम में बाधा डाल रही है। सूचना पर डीसीपी वेस्ट और एसीपी मौके पर पहुंचे। जुलूस को जाने की अनुमति दी तब जाकर हंगामा शांत हुआ। इस दौरान आचार संहिता की कार्रवाई की जद में आए सपा नेता सम्राट विकास दोबारा मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक हंगामा शांत हो चुका था।
पुलिस ने आचार संहिता का हवाला देते हुए जुलूस रोका, अनुमति के बाद जाने दिया
अनुमति से ज्यादा वाहन और साउंड सिस्टम पर पुलिस ने रोका वाहन
कल्याणपुर के मसवानपुर में भारतीय बौद्ध महासभा की ओर से बीते कई सालों से अंबेडकर जयंती पर जुलूस निकाला जाता है। रविवार को भी हर साल की तरह अंबेडकर जयंती पर महासभा के लोगों ने जुलूस निकाला। इसमें 15 से 20 गाड़ियां और साउंड सिस्टम लगे लोडर समेत सैकड़ों लोग शामिल थे।
कल्याणपुर पुलिस ने आचार संहिता का हवाला देते हुए रोक लिया। जांच की तो पाया कि जुलूस में अनुमति से अधिक गाड़ियां और साउंड सिस्टम लगे हैं। इससे जुलूस में शामिल लोग भड़क गए और हंगामा करते हुए धरना देने लगे।
सूचना मिलते ही कल्याणपुर एसीपी अभिषेक पांडे और डीसीपी पश्चिम विजय ढुल मौके पर पहुंचे और धरना दे रहे लोगों को समझा कर धरना खत्म कराया।
जुलूस में निर्धारित 3 गाड़ियां और प्रत्येक गाड़ी पर 2 साउंड सिस्टम से ज्यादा लगाकर ना चलने की सहमति पर पुलिस ने जुलूस निकालने की अनुमति दी। बाद में समाजवादी पार्टी के नेता सम्राट विकास भी मौके पर पहुंचे।
भारतीय बौद्ध महासभा संगठन महासचिव मुकेश कनौजिया ने बताया, प्रत्येक वर्ष इसकी अनुमति लेते हैं और 20 से 25 गाड़ियों का जुलूस निकलता है। इस बार आचार संहिता के चलते जुलूस को पुलिस प्रशासन ने रोक दिया।
वही डीसीपी विजय ढुल ने बताया कि जुलूस में निर्धारित नियम से अतिरिक्त गाड़ियां और ध्वनि तीव्रता होने पर लोगों को समझाया गया था। लोगों ने बात को समझा और जुलूस नियम के मुताबिक निकालने पर सहमत हुए। उसके बाद लोगों ने जुलूस को निकाला।